शीध्रपतन (Shighrapatan) क्या है?
प्रीमैच्योर इजेकुलेशन जिसे हिन्दी में शीध्रपतन या बोलचाल की भाषा में एर्ली डिस्चार्ज भी कहा जाता है बहुत ही काॅमन समस्या है और सामान्यतः दुनिया भर के 30 से 40 प्रतिशत पुरुषों में पाई जाती है। अमेरिका की द नेशलन हैल्थ एण्ड सोशल लाईफ सर्जरी में पाया गया है कि वहां के 30 प्रमितशत युवा मेल शीध्रपतन से ग्रसित है. ये भी माना जाता है कि हर पुरुष अपने जीवन काल में कभी न कभी शीध्रपतन की समस्या से ग्रस्त होता है। इसीलिये अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो खुद को अकेला मत समझिये, आप अकेले नहीं जुझ रहे बल्कि एक तिहाई पुरुष जाति आपके साथ है. लेकिन चूँकि लोग इस बारे में खुलकर बात नहीं करते इसीलिए उन्हें लगता है कि बस वे ही परेशान है । एक आदर्श संभोग में पुरुष और महिला दोनों ही क्लाइमेक्स तक पहुँचते है और दोनों के शुक्राणु निर्वहन होते हैं. लेकिन यदि औरत के संतुष्ट होने के पहले ही आदमी का वीर्य निकल जाता है तो औरत अपने चरम रोमांच तक नहीं पहुँच पाती और उसे सेक्स में उतना मजा नहीं आता। डाक्टर्स का मानना है कि यदि पुरुष का लिंग योनि में जाने के बाद और वीर्य स्खलन होने के बीच का समय 1 मिनट से कम है तो पुरुष को निश्चित शीध्रपतन की समस्या है। 1 से डेढ मिनट है तो संभावित समयपूर्व शीध्रपतन की समस्या है। कई मामलों में शीधपतन की समस्या इतनी बढ जाती है कि पुरुष योनि में लिंग प्रवेश करने से पहले ही वीर्यपात कर देता है या सेक्स शुरु होने के फौरन बाद ही उसके शुक्राणु डिस्चार्ज हो जाते है तो शीध्रपतन की समस्या को पुरुष और महिला संबधों से जोड की ही देखा जाता है लेकिन कुछ डाक्टर्स हस्तमैथुन के दौरान भी समयपूर्व डिस्चार्ज होने को शीध्रपतन से जोडकर देखते है।
शीध्रपतन के लक्षण क्या हैं?
1 बार बार प्रयास करने पर भी सेक्स के दौरान वीर्यपात को 1 मिनट तक न रोक पाना
2 सेक्स को टालना
3. संभोग करने के बाद एक पछतावा महसूस करना कि आप पार्टनर को संतुष्ट नहीं कर पाए
4. सेक्स करने से पहले मन में शीध्रपतन का डर आना
शीध्रपतन के प्रकार –
शीध्रपतन दो प्रकार का होता हैः
1 लाइफ लान्ग (प्राइमरी) यह व्यक्ति को शुरु से लेकर अंत तक रहता है यानि समयपूर्व स्खलन की प्राब्लम पहली बार सेक्स करने से लेकर जब तक वह सेक्स करता है तक तक बनी रहती है।
2. एक्वायर्ड (सेकेंडरी) इस मामले में पहले व्यक्ति नाॅर्मल तरीके से स्खलन करता है लेकिन बाद में उसे शीध्रपतन की शिकायत शुरु हो जाती है।
शीध्रपतन के कारण –
शीध्रपतन का सटीक कारण पता नही लगाया जा सका है. जहँा पहले इसे एक मनोवैज्ञानिक समस्या समझा जाता था वहीं अब इसे मनोवैज्ञानिक और जैविक कारक का सयुंक्त प्रभाव माना जाता हैं।
इन कारणो से होता हैः
1. सेक्स करने के बाद अनुभव ना होना
2. नए पार्टनर के साथ सेक्स करने पर शीध्रपतन हो सकता है
3. कुछ विशेष पोजिशन में सेक्स करने पर भी शीध्रपतन की स्थिति आ सकती है
4. बहुत दिनों के बाद सेक्स करनेे पर शीध्रपतन की स्थिति आ सकती है।
5. फीमेल पार्टनर को संतुष्ट करने की टेंशन
6. स्ट्रेस या चिंता , ये संम्भोग या किसी अन्य समस्या को लेकर भी हो सकती है
7. डिप्रेशन
8. किसी दवा का साइड इफेक्ट
9. पेनिस के स्किन का हाइपर सेंसिटिव होना (ऐसे मामलों में नुमबिंग क्रीम मददगार होती है)
10 लडकपन में पकडे जाने के डर से जल्दबाजी में किया गया सेक्स बाद में भी शीध्रपतन का कारण बन सकता हैं
11 मन में सेक्स को लेकर पछतावा होना की ये गंदी चीज है
12 इस बात की चिंता होना की सेक्स के दौरान पेनिस देर तक खडा नहीं रह पायेगा, जडी एजैक्युलेट करने का पैटर्न बना सकता है
13. संबंधों में समस्या – यदि आप पहले किसी और के साथ सेक्स करते समय शीध्रपतन नहीं होता था तो संभव है कि कंरट पार्टनर के साथ आपके संबधों में कोई दिक्कत है, जिससे ये समस्या आ रही है
14. हार्मोनल प्राॅब्लम
15. ब्रेन केमिकल्स का एब्नार्मल लेवल
16. कुछ थाइरोइड सम्बन्धी समस्याएं
17. प्रोस्टेट या मुत्रमार्ग में सूजन या संक्रमण
18. अनुवांशिक कारण
19. सर्जरी या आघात के कारण नसों में हुई क्षति
20 डायबिटीज
21. हाई ब्लड प्रैशर
22. प्रोस्टेट डिजिज
नोट – शीध्रपतन को एक समस्रूा तभी माने जब ये बार बार हो कभी कभार होना नार्मल है।
शीधपतन के लिये योग –
1. पश्चिमोत्तानासन – इस मुद्रा को सीटेड फारवर्ड बेंड भी कहा जाता है। ये आसन आपकी पेल्विक मसल्स (कुल्हे की मांसपेशियों) में देर तक बैठे रहने से पैदा होने वाले तनाव को दूर करने में मदद करता है। इस आसन से पेल्विक एरिया में रक्तसंचार भी बढता है। इस आसन से आपको शांति मिलती है और हल्के डिप्रेशन को दूर करने में मदद मिलती है।
2 उत्तासन – इस आसन को स्टैडिंग फारवर्ड बैंड भी कहा जाता है। उत्तासन को कई योगासनों का मुल भी माना जाता है। आसन के अभ्यास से आपके शरीर में खिचांव पैदा होता है। ये खिचांव आपको चिंता, टेशन और डिप्रेशनदूर रखने में मदद करता है। कुछ लोग यहां तक कहते है कि इस आसन के अभ्यास से नंपुसकता या आपके इंफर्टिलिटी को दूर करने में भी मदद मिलती है। इसके अलावा ये हमारे पाचन को ठीक रखता है और शरीर में उत्तेजना बढाने में मदद करता है।
3. धनुरासन – इस मुद्रा को बो पोज भी कहा जाता है। जमीन पर लेटकर किया जाने वाला ये आसन शरीर के प्राइवेट पाटर्स में तनाव बढाता है और उनमें ब्लड फ्लो बढाता है। इसके अभ्यास से हमारे शरीर के आगे के हिस्से की मसल्स में स्ट्रेच पैदा होता है। इससे जाँघें सुडौल होती है। धनुरासन के अभ्यास से शरीर का बाडी पोश्चर भी सुधारने में मदद मिलती है।
शीध्रपतन का आयुर्वेदिक उपचार –
आयुर्वेदाचार्य आमतौर पर शीध्रपतन की समस्या के लिये शिलाजीत, मकरध्वज, लौहभस्म, शतावर, सफेद मुसली, जावित्री, अश्वगंधा आदि जडी बूटियों का इस्तेमाल करते है। अगर आपको सेक्स समस्या को लेकर आयुर्वेदाचार्य से मिलने में संकोच है तो मर्द एक्सट्रा टाइम वटी का प्रयोग करे। यह इन सभी जडी बूटियों का बेजोड निचोड है इसकी एक गोली लेने मात्र से आपकी शीध्रपतन की समस्या में काफी आराम हो जायेगा। आप मर्द एक्सट्रा टाइम वटी को किसी भी मेडिकल स्टोर से ले सकते है। अगर न मिले तो हमारे हेल्प लाइन न0 पर सम्पर्क कर सकते है सिर्फ सहार हर्बल की मर्द एक्सट्रा टाइम वटी लें।
उपचार के दिशा निर्देश क्या है?
उपचार के साथ कुछ परहेज भी अति आवश्यक है
1. तला व अपाच्य भोजन न करें
2. खटटे फलों व भोजन का परहेज करें
3. ध्रुमपान, शराब एवं किसी भी नशीले प्रदार्थो का सेवन न करें।
रोगियों की जीवन शैली में बदलाव होने जरुरी है। इसमें एक संतुलित आहार और नियमित व्यायाम शामिल है।
ठीक होने में कितना समय लगता है
शीध्रपतन का उपचार मर्द एक्सट्रा टाइम वटी से किया जाता है। इसके लिये उपरोक्त परहेज दिये गए है। इनके बिना ईलाज कराने का कोई फायदा नहीं है। अगर आप सुबह शाम खाने के बाद एक गोली दूध के साथ ले और संभोग के दरमियान एक गोली मुंह में रखकर चूसे पहले दिन से ही सेक्स की अवधि में फर्क दिख जायेगा। 2 महीने का कोर्स करने पर सामान्य परिस्थितियों में सेक्स टाईमिंग 20-25 मिनट तक हो सकती है।
ईलाज की कीमत क्या है?
मर्द एक्सट्रा टाइम वटी शीध्रपतन की रामबाण औषधि है। डा. शेख के 40 साल के सफल अनुभव का निचोड है। मर्द एक्सट्रा टाइम वटी की कीमत 3000 रुपये है जोकि 30 दिन की खुराक है।
क्या उपचार के परिणाम स्थायी हैं?
मर्द एक्सट्रा टाइम वटी आयुर्वेद की बेजोड व रामबाण औषधि है जिसका प्रथम लक्ष्य बिमारी का जड से खत्म करना होता है। यह एलोपैथी की तरह पहले एक दो दिन में आराम नहीं करती । आयुर्वेद के ईलाज में समय लगता है पर ये समस्या की जड तक पहुँच कर उसका स्थाई समाधान करता है।